महाकुंभ हर 12 साल बाद आता है, लेकिन यह विशेष महाकुंभ 144 साल बाद आ रहा है, जहाँ लाखों भक्त पवित्र स्नान और आध्यात्मिक अनुभव के लिए जुटेंगे।
महाकुंभ में गंगा स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है, मानसिक शांति मिलती है और आत्मिक उन्नति होती है।
महाकुंभ का आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है, यह आत्मा की शुद्धि, पापों से मुक्ति और भगवान के आशीर्वाद का प्रतीक है।
महाकुंभ में नागा बाबा और अघोरी साधुओं का महत्वपूर्ण स्थान है, वे आत्मा की शुद्धि, तप और साधना के प्रतीक हैं, जो अपने कठिन व्रतों और ध्यान से समाज को जागरूक करते हैं।
महाकुंभ न केवल भारत से, बल्कि दुनियाभर से लाखों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है, जो इस महान आध्यात्मिक आयोजन का हिस्सा बनने आते हैं।
अंतरराष्ट्रीय आकर्षण
महाकुंभ का हर स्नान एक धार्मिक उत्सव की तरह होता है, जिसमें हजारों लोग एक साथ आकर आस्था और विश्वास का उत्सव मनाते हैं।